अव्वल जेबकतरी है।
टकराकर लोगों की जेबों से,
ज़िन्दगी चुरा लेती है।
बारूद की परवरिश,
और बंदूकों में पनाह,
कभी लहू के बारिश में भीगती,
तो कभी मिट्टी के बिस्तर पर भीगकर सो जाती है।
एक आवारा गोली;
चलने लगती है और,
वक्त़ ठहर जाता है।
-नीरज
Image source : Google
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